RAKHI Saroj

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लेखनी प्रतियोगिता -24-Feb-2023

मेरे आंसू

मेरे आंसू कहां गुम हो गए
बहते बहते जान‌ ना पाईं
बस एक पल के एहसास में
बंध कर रह गई यह सोचते हुए
जाने कैसे खुद को समझाऊंगी
बैठें आंसुओ का भी इंतजार अब
उस बेवफा की तरह करती नजर
आउंगी, भारी मन के एहसासों में
गुम हो कर रह जाऊंगी, दिल पर 
रखें बोझ में चीखती नज़र आऊंगी
मेरे आंसू कहां गुम हो गए हर किसी से
यह पूछती रह जाऊंगी, मेरे आंसूओं के 
बोझ में आंखों को रोते देखूंगी। 
मेरे आंसू कहां गुम हो गए
एक सवाल की तलाश में हजारों 
ज़ख्मों को रोज उभरते देखूंगी। 
          
      राखी सरोज 
       नई दिल्ली 

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8 Comments

Varsha_Upadhyay

02-Mar-2023 06:36 PM

बेहतरीन

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Sushi saxena

26-Feb-2023 10:33 PM

Nice

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Renu

26-Feb-2023 05:13 PM

👍👍🌺

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RAKHI Saroj

26-Feb-2023 06:35 PM

Thank you

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